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Thursday, 24 April 2014

प्यार करता प्रकृति से

There is a pleasure in the pathless woods,
There is a rapture on the lonely shore,
There is society, where none intrudes,
By the deep sea, and music in its roar:
I love not man the less, but Nature more.
~ George Gordon, Lord Byronबिन पथ के भटकना वनों  में देता मज़ा
सूने निर्जन तट आनंद मय लगते कभी 
एक है समाज जहाँ कोई हस्तक्षेप है न 
गहरे सागर के किनारे औ रोर में संगीत 
प्यार  करता न कम मनुज से पर प्रकृति से ज़्यादा कहीं 

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