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Sunday, 27 April 2014

तुम्हारा अन्तर्जग

I read her eyes like
paragraphs and her tears
like chapters
for she didn't have much
to say with words, but rather,
silence.
And never let them tell you
that silence, isn't beautiful.
For silence is what happens
when words fall asleep
and you must carry the belief
that one day they will
wake up inside of you.
~ Christopher Poindexter 
पढता हूँ मैं आँखें उसकी जैसे
कोई लेख और आंसू उसके 
जैसे की अध्याय 
क्यूंकि उसके पास था ज़्यादा न कुछ 
कह पाती शब्द में जो वह बल्कि 
मात्र थी खामोशी 
कभी भी न कहने दो उनको 
कि मौन में सौंदर्य है न .
क्यूंकि मौन है जो जन्मता 
शब्द जब सो जाते हैं 
औ रखो विश्वास अपने में 
कि एक दिन वे 
ही जगायेंगे तुम्हारा अन्तर्जग

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