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Sunday, 27 April 2014

उमड़ते ब्रह्माण्ड कितने अजन्मे

Her eyes carried
a certain kind
of silence that
begged to be
understood and i
felt as if i was
a scientist,
staring with eager,
fervent eyes into
galaxies that have not
yet had the chance
to be named.
~ Christopher PoindexterPhoto: Happy International Women's Day...
आँखें उसकी भरी थीं 
एक ख़ास सी  
खामोशी से जो
 मांगती थी ज्यूँ भिक्षा 
समझ लेने के लिए और मुझे 
लगा की जैसे था मैं 
एक वैज्ञानिक ,
ताकता उत्साह भर 
आँखें उत्कट जिनमे 
उमड़ते ब्रह्माण्ड कितने अजन्मे ,

प्रतीक्षित अवसरों की 
नाम जिनको दे कोई 

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