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Wednesday 19 December 2012

रिहा कर अब

Beloved, show me the way out of this prison.
Make me needless of both worlds.
Pray, erase from mind all
that is not You.

Have mercy Beloved,
though I am nothing but forgetfulness,
You are the essence of forgiveness.
Make me needless of all but You.

~ Shaikh Abu Saeed Abil


 मेरे रब !रिहा कर अब यहाँ से,
न चाहूँ अब कहीं कुछ,
दुआ है ,दे मिटा दिल से ,
जो कुछ तेरे सिवा हो .
रहम कर मौला मेरे ,
भुलावे के सिवा, क्या मैं ?
तू रहबर है रहम का ,

रख अपने लिए बस.

 or

हे हरि,दो दिशा कोई, छुडाओ बन्धनों से
मुक्त हो ह्रदय हर  एक कामना से
प्रार्थना है दो मिटा सब ,
जो नहीं हो रूप तेरा.
कर कृपा हरि ,
भूलने वाले के सिवा हूँ भला क्या..
तू  अक्षय कोष है क्षमा का.
रख मुझे   अपने लिए बस!

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