I Am There
Do you need Me ?
I am there .
You cannot see Me , yet I am the light you
see by ,
You cannot hear Me , yet I speak through
your voice .
You cannot feel Me , yet I am the power at
work in your hands .
I am at work , though you do not
understand My ways .
I am at work , though you do not
understand My works .
I am not strange visions . I am not
mysteries .
Only in absolute stillness , beyond self , can you know Me
as I AM , and then but as a feeling and a
faith .
Yet I am here . Yet I hear . Yet I answer .
When you need ME , I am there .
Even if you deny Me , I am there .
Even when you feel most alone , I am there .
Even in your pain , I am there .
I am there when you pray and when you do not
pray .
I am in you , and you are in Me .
Only in your mind can you feel separate from Me , for
only in your mind are the mists of " yours" and
" mine ".
Yet only with your mind can you know Me and experience Me .
Empty your heart of empty fears .
When you get yourself out of the way , I am there .
You can of yourself do nothing , but I can do all
And I Am in all .
Though you may not see good , good us there , for
I am there . I am there because I have to be ,
because I AM .
Only in Me does the world have meaning ;
only out of Me does the world take form ;
only because of Me does the world go forward
I am the law on which the movement of the stars and the growth of living cells are founded
I am the love that the law's fulfilling . I am
assurance .
I am peace , I am oneness . I an the law
that you can live by .
I am the love that you can cling to . I am
your assurance .
I am your peace . I am ONE with you . I am .
Though you fail to find ME , I do not fail
you .
Though your faith in Me is unsure , My faith in
you never
wavers , because I know you , because I love you .
Beloved , I AM there .
~ James Dillet Freeman
मैं यहाँ हूँ ,
चाहते हो क्या मुझे तुम ?
मैं यहाँ हूँ।
देख न सकते मुझे तुम ,
पर मैं वह ज्योत हूँ जो दिखलाती सब,
सुन नहीं सकते मुझे तुम ,
बोलता वाणी में तुम्हारी।
तुम मुझे न समझ पाते ,
पर मैं शक्ति हूँ सक्रिय तुम्हारे हाथ में।
कार्यरत मैं यद्यपि न जान पाते तुम मेरे को।
कार्यरत मैं ,जबकि तुम न जान पाते कार्य मेरे।
मैं अजब सा दृश्य न हूँ।
न ही मैं रहस्य हूँ।
मात्र केवल पूर्ण शान्ति के पलों में,
परे अपने अहम् से , जान सकते मुझे तुम।
जैसा हूँ मैं और फिर अनुभूति जैसे
और फिर विश्वास में।
पर यहाँ हूँ, सुन रहा हूँ .उत्तर भी देता।
जब ज़रूरत हो मेरी मैं वहां हूँ।
चाहे तुम मुझ को नकारो,मैं वहां हूँ।
जब लगे बिलकुल अकेले हो तो मैं वहां हूँ।
जब कष्टों से घिरे हो ,मैं वहाँ हूँ।
मैं वहां हूँ प्रर्थन तुम करो जब और चाहे न करो।
तुम में मैं हूँ और मुझ में तुम।
मात्र मन में तुम्हारे अलग लगता
क्यूंकि केवल मन समेटे 'मैं', 'मेरा' भाव।
पर केवल मन से ही जान सकते मुझे तुम
औरमैं अनुभव में आता।
रिक्त कर के ह्रदय को भय से।
जब बढ़ो आगे मैं खड़ा होऊंगा वहां ..
जब कभी तुम हार जाते मैं कर सकता हूँ
सब मैं सब में बसा हूँ।
चाहे तुम न देख पाओ
मैं शुभ हूँ, मैं वहां हूँ , मुझे वहां होना ही होगा ,
,क्यूंकि मैं हूँ।
मात्र मुझ से सार्थक है विश्व ;
मुझ से ही विक्सित है सृष्टि;
मुझ से ही बढ़ती है सृष्टि।
नियम हूँ वह जो नियमित करे तारों की गति
और कोशिका वृद्धि। मैं हूँ वह प्रेम
जिसका पालन करते नियम सब।
आश्वासन हूँ मैं।शांति हूँ मैं,एकता हूँ।
मैं नियम जिससे ज्यो तुम।
प्रेम हूँ मैं आश्रय ले सको जिसका।
मैं आश्वासन तुम्हारा।शान्ति तेरी, एक तुम में,हूँ मैं।
यद्यपि तुम हार जाते पाने में मुझे ,मैं न तुमको हारने देता
डगमगा जाता तेरा विशवास मुझ में ,,
मेरा विश्वास कभी न डगमगाता ,
क्यूँ की तुमको जानता मैं। प्यारे मेरे, मैं वहां हूँ।
Do you need Me ?
I am there .
You cannot see Me , yet I am the light you
see by ,
You cannot hear Me , yet I speak through
your voice .
You cannot feel Me , yet I am the power at
work in your hands .
I am at work , though you do not
understand My ways .
I am at work , though you do not
understand My works .
I am not strange visions . I am not
mysteries .
Only in absolute stillness , beyond self , can you know Me
as I AM , and then but as a feeling and a
faith .
Yet I am here . Yet I hear . Yet I answer .
When you need ME , I am there .
Even if you deny Me , I am there .
Even when you feel most alone , I am there .
Even in your pain , I am there .
I am there when you pray and when you do not
pray .
I am in you , and you are in Me .
Only in your mind can you feel separate from Me , for
only in your mind are the mists of " yours" and
" mine ".
Yet only with your mind can you know Me and experience Me .
Empty your heart of empty fears .
When you get yourself out of the way , I am there .
You can of yourself do nothing , but I can do all
And I Am in all .
Though you may not see good , good us there , for
I am there . I am there because I have to be ,
because I AM .
Only in Me does the world have meaning ;
only out of Me does the world take form ;
only because of Me does the world go forward
I am the law on which the movement of the stars and the growth of living cells are founded
I am the love that the law's fulfilling . I am
assurance .
I am peace , I am oneness . I an the law
that you can live by .
I am the love that you can cling to . I am
your assurance .
I am your peace . I am ONE with you . I am .
Though you fail to find ME , I do not fail
you .
Though your faith in Me is unsure , My faith in
you never
wavers , because I know you , because I love you .
Beloved , I AM there .
~ James Dillet Freeman
मैं यहाँ हूँ ,
चाहते हो क्या मुझे तुम ?
मैं यहाँ हूँ।
देख न सकते मुझे तुम ,
पर मैं वह ज्योत हूँ जो दिखलाती सब,
सुन नहीं सकते मुझे तुम ,
बोलता वाणी में तुम्हारी।
तुम मुझे न समझ पाते ,
पर मैं शक्ति हूँ सक्रिय तुम्हारे हाथ में।
कार्यरत मैं यद्यपि न जान पाते तुम मेरे को।
कार्यरत मैं ,जबकि तुम न जान पाते कार्य मेरे।
मैं अजब सा दृश्य न हूँ।
न ही मैं रहस्य हूँ।
मात्र केवल पूर्ण शान्ति के पलों में,
परे अपने अहम् से , जान सकते मुझे तुम।
जैसा हूँ मैं और फिर अनुभूति जैसे
और फिर विश्वास में।
पर यहाँ हूँ, सुन रहा हूँ .उत्तर भी देता।
जब ज़रूरत हो मेरी मैं वहां हूँ।
चाहे तुम मुझ को नकारो,मैं वहां हूँ।
जब लगे बिलकुल अकेले हो तो मैं वहां हूँ।
जब कष्टों से घिरे हो ,मैं वहाँ हूँ।
मैं वहां हूँ प्रर्थन तुम करो जब और चाहे न करो।
तुम में मैं हूँ और मुझ में तुम।
मात्र मन में तुम्हारे अलग लगता
क्यूंकि केवल मन समेटे 'मैं', 'मेरा' भाव।
पर केवल मन से ही जान सकते मुझे तुम
औरमैं अनुभव में आता।
रिक्त कर के ह्रदय को भय से।
जब बढ़ो आगे मैं खड़ा होऊंगा वहां ..
जब कभी तुम हार जाते मैं कर सकता हूँ
सब मैं सब में बसा हूँ।
चाहे तुम न देख पाओ
मैं शुभ हूँ, मैं वहां हूँ , मुझे वहां होना ही होगा ,
,क्यूंकि मैं हूँ।
मात्र मुझ से सार्थक है विश्व ;
मुझ से ही विक्सित है सृष्टि;
मुझ से ही बढ़ती है सृष्टि।
नियम हूँ वह जो नियमित करे तारों की गति
और कोशिका वृद्धि। मैं हूँ वह प्रेम
जिसका पालन करते नियम सब।
आश्वासन हूँ मैं।शांति हूँ मैं,एकता हूँ।
मैं नियम जिससे ज्यो तुम।
प्रेम हूँ मैं आश्रय ले सको जिसका।
मैं आश्वासन तुम्हारा।शान्ति तेरी, एक तुम में,हूँ मैं।
यद्यपि तुम हार जाते पाने में मुझे ,मैं न तुमको हारने देता
डगमगा जाता तेरा विशवास मुझ में ,,
मेरा विश्वास कभी न डगमगाता ,
क्यूँ की तुमको जानता मैं। प्यारे मेरे, मैं वहां हूँ।
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