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Wednesday, 27 February 2013




जानते जो यह
              कि सोये हुए हैं
                                सच तो है कि वे 
                                                    अब तलक आधे जगे हैं!




खोजते आश्चर्य हैं जन,
            हिमगिरि की हदों को में,
                        कभी सागर की लहर में,
                                कभी नदिया के किनारे,
                                         कभी सिन्धु की तहों में,
                                                     कभी तारों के जगत् में,
                                                                   पर गुजर जाते स्वयं से
                                                                              बिना खोजे और जाने !

एकांत   है   ज़रूरी,
                        और  कुछ   ऐसे  भी  है   जिनके  लिए
                                                                      ये  साँस  है  जिस  से  वे  जीते..

“Solitude matters, and for some people, it's the air they breathe”

~~~~~~ Susan Cain

शान्ति

We cannot bring to the world what we do not have to offer. Peace starts in our own minds and hearts, not outside of ourselves, and until its roots are firmly entrenched in our own selves, we cannot manifest it externally. Look within and evaluate your relationship with peacefulness.

*♥* Anand Samarpita *♥*

ला नहीं सकते जगत में ऐसा कुछ भी जो नहीं हम बाँट सकते
शांति जन्मे पहले मन में और ह्रदय में नाकि बाहर  जगत में 
जब तलक न जमें गहरी  जड़ें   इसकी अंतर्मन  में ,ह्रदय में ..
कर नहीं सकते दिखावा इसका  बाहर के जगत में कभी हम 
झांको अपने उर  में औ' फिर आँकों अपना  रिश्ता  शान्ति से 
Photo: Good night wold ♥ thank you to all ♥

Monday, 25 February 2013






                                   जानते ना अभी तक तुम?
                                                   यह तुम्हारी ज्योति ही है,
                                 जो प्रकाशित कर रही
                                                निखिल........... सृष्टि ..........

ध्यान दो

Watch Your Thoughts;
They Become Words.

Watch Your Words;
They Become Your Actions.

Watch Your Actions;
They Become Habits.

Watch Your Habits;
They Become Character.

Watch Your Character;
It Becomes Your Destiny.



 ध्यान दो शब्दों पे अपने,
            वे ही बन जाते है कर्म,
                    ध्यान दो कर्मो पे अपने,
                            वे है बन जाते है आदत,
                                    ध्यान दो आदत पे अपनी,
                                              वे ही गढ़ती हैं  चरित्र,
                                                     ध्यान दो चरित्र पर
                                                           जो बन जाता नियति

Saturday, 23 February 2013

कुरुक्षेत्र

Your soul is oftentimes a battlefield,
upon which your reason and your judgment
wage war against your passion and your appetite.
Would that I could be the peacemaker in your soul,
that I might turn the discord and the rivalry
of your elements into oneness and melody.
But; how shall I, unless you yourselves
be also the peacemakers, nay,
the lovers of all your elements? ~ Kahlil Gibran
आत्मा तेरी  खड़ी  कुरुक्षेत्र में अक्सर 
तर्क और निर्णय की शक्ति जहां पर 
छेड़ती  है  युद्ध मद , भोग - लालसा से 
बन सकूँगा क्या मैं शान्ति दूत आत्मा का 
बदल पाऊंगा क्या द्वन्द, प्रतिस्पर्धा को 
तुम्हारी वृत्तियों को  एकता ,स्वर -संगति  में .
किन्तु कैसे मैं अकेला ही करूँ यह यदि न तुम ही 
बनो शान्ति - दूत अपने लिए ही ,न .. न ..
प्रेमी सारी वृत्तियों के ?

Thursday, 21 February 2013

धन्य मानो

Be thankful that you don’t already have everything you desire,
If you did, what would there be to look forward to?
धन्य हो तुम यदि न पाओ जो भी चाहो 
पा चुके सब फिर करोगे कामना क्या ? 
Be thankful when you don’t know something
For it gives you the opportunity to learn.
धन्य मानो यदि नहीं सब जानते तुम 
शेष  है अवसर कुछ तो सीखने  का 
Be thankful for the difficult times.
During those times you grow.
धन्य मानो जब समय ले परीक्षाएं 

तभी तो सीखोगे तुम और बढोगे 
Be thankful for your limitations
Because they give you opportunities for improvement.
धन्य मानो कि  सीमा से बंधे  हो 

देती वे अवसर सुधरने का 
Be thankful for each new challenge
Because it will build your strength and character.
धन्य मानो खुद को चुनौती मिले जब 

होगा तब निर्माण शक्ति, चरित्र का 
Be thankful for your mistakes
They will teach you valuable lessons.
धन्य मानो जब कभी गलती हो तुमसे 

देती वह अनमोल अवसर सीखने का 
Be thankful when you’re tired and weary
Because it means you’ve made a difference.
धन्य मानो जब लगे  थक कर, चुके हो

अर्थ इसका  चुना  पथ तुमने  नया सा   
 it is easy to be thankful for the good things.
A life of rich fulfillment comes to those who are
also thankful for the setbacks.
है सहज कि  धन्य  मानो मिले जब सुख 

आतंरिक संतोष केवल वे हैं पाते 
धन्य माने जो बुरे भी समय को 
GRATITUDE can turn a negative into a positive.
Find a way to be thankful for your troubles
and they can become your blessings.
धन्य - मति बदले ऋणात्मक को  धनी में 

सोचो कि कष्टों को कैसे  धन्य माने 
तब बदल जायेंगे वे वरदान में फिर 
~ Unknown ♥

दूत स्वर्ग के

When angels visit us, we do not hear the rustle of wings, nor feel the feathery touch of the breast of a dove; but we know their presence by the love they create in our hearts.

~ Mary Baker Eddy ♥
— दूत स्वर्ग के जब हमसे मिलें , सुन नहीं पाते हम स्वर पाँख के उनके , न ही महसूस होता मरमरी स्पर्श कबूतर जैसा ; जानते हैं साथ वे केवल प्रेम जो उपजे सहज उर में हमारे ....

देवदूतिय पंख

Thorns and stings and those such things just make stronger
our angel wings.

~ Terri Guillemets ♥
 काँटे और दंश और ऐसे कितने ही
जो बनाते शक्ति शाली और भी
देवदूतिय पंख हमारे ..
 
 

Friday, 15 February 2013

दो मुस्टंडे

God and I have become like two giant fat people
Living in a tiny boat.
We keep bumping into each other
and laughing.

~Hafiz~

मैं व ईश्वर  जैसे दो मुस्टंडे हों 
एक नन्ही नाव में संग ..
लुडक्ते  टकराते रहते 
हँसते हँसते ....
Photo: God and I have become like two giant fat people
Living in a tiny boat.
We keep bumping into each other
and laughing.

~Hafiz~

Tuesday, 5 February 2013

धरा

Earth, isn't this what you want? To arise in us, invisible?
Is it not your dream, to enter us so wholly
there's nothing outside us to see?
What, if not this transformation,
is your deepest purpose? Earth, my love,
I want that too.
Believe me, no more of your spring times are needed
to win me over― even one flower
is almost too much. Before I was named I was yours.

~ Rainer Maria Rilke
धरा ,क्या नहीं जो चाहते तुम ? जागो हम में रह अदृश्य ?
क्या नहीं यह स्वप्न तेरा ,कि समाओ पुर्णतः हम में ?
है नहीं कुछ भी बाहर देखने को ?
यदि नहीं रूपांतरण यह तो फिर क्या,
गहनतम उद्देश्य तेरा ? धरा, मेरा प्यार,
चाहता मैं भी यही बस .
मानो सच,चाहता न मैं बसंत
छाये मेरे ह्रदय में ― एक भी फूल तक न।
है बहुत मेरे लिए सब .नाम पाने से भी पहले मैं तेरा था.

 

Friday, 1 February 2013

युवा की चुनौती


Youth

None can keep me chained
none can keep me tied
from the great wide world
I refuse to hide!

Venture boldly forth
from my home will I;
where god bids I'll live,
where God bids I'll die!

A.V.Koltsov

मैं नहीं बाधित किसी भी श्रंखला से
बाँध सकता है मुझे कोई कभी न
इस जगत से जो सदा अनवरत विस्तृत
है नहीं स्वीकार मुझको यह छिपाना


बाँध कर साहस, निर्भय
हो के, घर से मैं  चलूँगा
मैं रहुंगा जहाँ ईश्वर रखेगा
त्याग दुंगा देह
जब ईश्वर कहेगा !

अमानविय दुनिया:


She stands condemned- the honester the woman
the guiltier she must and will appear...
such is society: the more inhuman
where guilt is more human and sincere

Fyodor Tyutchev
खड़ी वह दोशित,- जितनी सीधी हो औरत
उतनी ही दोषी कह्लायेगी और लगेगी..
ऐसी है दुनिया: और कितनी अमानविय
जहाँ दोषी कहलाते अधिक मानवीय व भले

मुक्त हो के श्रम-थकन से,


there are rare moments in the life
when I relieved of stress,
surrender gladly without strife,
to nature's blessedness.


बहुत ही दुर्लभ हैं पल ऐसे नियति में
जब मैं मुक्त हो के सारे श्रम-थकन से,
समर्पित होता सहृदय, संघर्ष के बिन,
प्रकृति के अमित   सान्निध्य   हेतु 

न बनूँगा ठंडा लोहा


Year after year burns my heart,glowing hotter and hotter
plunged in society's life,immersed in it as in cold water.
like red-hot steel in a furnace,  aboiling life set it.
life you were cruel to me,so cruel.I can never forget it!
In indignation I seethe, full of pain and of sorrow,
yet will not turn to cold steel neither today nor tomorrow.

Alexei Tolstoy

वर्ष प्रति वर्ष जलता हृदय ,चमकता आग से दग्ध झुलस, फंस सामाजिक बंधनों में , जैसे डूबा न्डे जल में,
भट्टी में जैसे भभकता लाल लोहा, ज़िंदगी ने उबाला ज़िंदगी निर्मम तू ,क्रूर बेहद ,भूल सकता न कभी! देखता, भर रोष ,कष्टों ,दुखों से इसको भरा , न बनूँगा ठंडा लोहा पर मैं ,आज न ,न ही कल !
Alexei Tolstoy


श्रद्धा आपके प्रति


Good fortune has blessed you with virtues
in others not usually found.
Let the heavens above be my witness
that for you my respect is profound.

सद्गुणों से भूषित, सौभाग्यशाली आप
जो नहीं दीखते सहज सामान्य जन में
नील अम्बर मात्र ही साक्षी मेरा है

है ह्रदय में कितनी श्रद्धा आपके प्रति 

nikolai nekrasov


nikolai nekrasov

रहे उर ,-स्वाधीन ,मुक्त



may your heart stay free and open
to all free and new impressions.
never let it cramp and hinder
budding human inspirations.
you were born with them inside you
cherish them those precious dreams
liberty,equality fraternity
these are their names.
love them truly and sincerly
live in noble service bound:
there is no more noble duty
there is no more radiant crown.

रहे उर ,-स्वाधीन ,मुक्त

 नव विचारों के प्रति
  दबे न व रहे पीछे 
मुकुलित आकांक्षा  से 
जन्मे थे तुम संग इनके करो पोषित स्वप्न वे स्वतंत्रता , समानता , भाईचारा नाम इनके .
प्रेम सत्यनिष्ठ दो इन्हें जियो सेवा के लिए तत्पर : न कोई श्रेष्ठ कर्तव्य इनसे न कोई स्वर्णिम मुकुट इस से बड़ा .


nikolai nekrasov

विचार ! फूल जैसे तुम


O thought! yours is the flower's plight.
while fresh, it lures, the moth so light,
the butterfly,the golden bee;
to it the gnat with passion clings,
the dragon fly its praises sings.
but when its charms fade finally
and all its petals wilted lie-
where are the bee,gnat,butterfly?
not one of them for it has need,
all,all forget it at that hour.
however,with its falling seeds
it gives birth to another flower.

विचार ! फूल जैसे तुम
जब नए तो खींचते भँवरे,
तितलियाँ , स्वर्णिम मक्षिकाए
मद मत्त बर्रें काटें चक्कर ,
गाती प्रशंसा में व्याध पतंग .
फींका पड़ जाए जब रूप तो
पंखुड़ी मुरझाने लगतीं -
कहाँ तब-भँवरे, तितलियाँ , मक्षिकाए  ?
झांकता तक कोई न तब
भूल जाते सब इसे तब
पर गिरे जो बीज इस से
जन्मते वे फूल कितने ..







बोझिल हैं बुद्धि ,

our brain is all dried up by arid learning,
and jealousy from our best friends we hide
our dearest hopes and even the noble burning
of passions which our sceptic minds deride.
our lips have scarcely touched the cup of pleasure
yet by this caution we've not saved our strength;
fearing excess,we have drawn off a measure,
from every joy-and left all flat at length.
कोरे सूखे  ज्ञान से बोझिल हैं बुद्धि ,
छिपाते हम सब ईर्ष्या दोस्तों तक से
अपनी ख़ास उम्मीदें और कामनाएं
जोश जो संशय भरे मन से उपजें .
होठो ने न जाना सच्चा रस कहाँ हैं
सतर्क इतने पर शक्ति बची न ;
डरें बेहद,बना  कर के मापदंड ,
सुखों के,छोड़ कर बाकी सभी कुछ..

M.Y.lermontov

जीवन - नियम

fear not the gall of condemnation,
but the delicious balm of praise.
not once have bards by adulation
been brought to languish in malaise.


न डरो निंदा के कडुव घूँट से
बल्कि चिकनी चुपड़ी बातों के शहद से
भाड़ों की खुशामदी से कितनो ही ने
गिर के दुःख पाए अनेकों अनेकों .



laws of life

life's iron laws hold sway over all humans,
in every heartbase selfishness resides.
from hour to hour with the mundane and useful
men are more shamelessly preoccupied.


नियत जीवन के नियम सब के लिए ही,
हर ह्रदय में है निहित स्वार्थ वृत्ति .
पल पल भौतिक सुख, मतलब की खातिर
लगे रहते लोगे सारी शर्म छोड़े


E.A.baratynsky