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Monday, 15 April 2013

प्यार जब करता हूँ


When I love
I feel that I am the king of time
I possess the earth and everything on it
and ride into the sun upon my horse
... When I love
I become liquid light
invisible to the eye
and the poems in my notebooks
become fields of mimosa and poppy.

When I love
the water gushes from my fingers
grass grows on my tongue
when I love
I become time outside all time.
When I love a woman
all the trees
run barefoot toward me.








~ Nizar Qabbani ♥
प्यार जब करता हूँ मैं लगता  सम्राट हूँ  समय का है धरा मेरी , सभी मेरा है जो भी है ..और जैसे होके घोड़े पे सवार ,भेद सकता सूर्य को ..
प्यार जब करता हूँ मैं जैसे ज्योति हो तरल दीखती न आँख को जो
कविता मेरी डायरी में
जैसे खेती छुई मुई और भांग की हों .
प्यार जब करता हूँ मैं उमड़ता ज्यूँ जल उङ्गलि के पोर से उग गयी हो घास जैसे जीभ पर प्यार जब करता हूँ मैं समय से दूर हो जैसे समय प्यार जब करता हूँ मैं प्रेमिका से वृक्ष जैसे दौड़ते मेरी तरफ पाँव
नंगे

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