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Thursday, 6 June 2013

प्रेम क्या है

LOVE - by Chuck Surface

What is Love,
But the desire that the Beloved be Blessed,
That the Light of their Own Pure Being
... Shine within them, Filling their Heart,
And flooding the Experience of Being.
 That they, as formless Shiva,
 Embrace themselves as Shakti,
 And in that Union, give rise to Pure…
Unalloyed…
Ecstasy. 

 That they breathe Peace that Transcends Understanding,
 And, abiding as Fullness and Completion,
 Remain unmoved and untouched,
 Within,
 By the vicissitudes of Life.
.
That wherever they are, in whatever circumstance,
 They are always and forever…
Home,
 Having become Home Itself.
 Then is the Only Desire of Love Fulfilled,
 And Heaven and Earth
 Are One.

प्रेम क्या है ?
एक इच्छा -प्रिय रहे मंगल दशा में,
उनकी अपनी दिव्य ज्योति ,

जाग्रत हो भरे ह्रदय ,
हो उर आनंद मय,
अस्तित्व रहते


बने वे शिव अरुपी
शक्ति से आलिंगित
जन्मे शुचि, मधु मिलन में
अमिश्रित ..
दिव्यानंद मय

सांस लें शांतिमय , शाश्वत मिलन की,
जाने,मिल कर पूर्ण होना
अविचलित, और परे
अपने ह्रदय में
सृष्टि के परिवर्तनों से

जो हैं वे , स्थिति हो कैसी
वे सदा और सदा ही
 एक लय हों,
 जैसे वे हों धाम एक दूसरे के.
 तब ही  होता प्रेम पूरित
स्वर्ग -धरती
 एक हो जब ...............

 
.Photo: नव प्रभात का कर आलिंगन, नए दिवस का स्वागत वंदन,
गत को विनत प्रणाम हमारा आगत का शत-शत अभिनंदन'
हमें शक्ति प्रदान करे प्रभु'' ऐसी तेरे स्वर में स्वर गतिमय हो,
यही हार्दिक विनय तुमसे आज सभी का दिन शुभ मंगलमय हो.....ॐ


3 comments:

  1. वाह!! तो ये है प्रेम!! :) सांस लें शांतिमय , शाश्वत मिलन की,

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    1. ji haan manishji liberation is most fulfilling and blissful..

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  2. स्थिति हो कैसी
    वे सदा और सदा ही
    एक लय हों,
    जैसे वे हों धाम एक दूसरे के.
    तब ही होता प्रेम पूरित
    स्वर्ग -धरती
    --
    प्रेम में पगी सुन्दर कविता का बढ़िया अनुवाद!

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